२३ मार्च शहीद दिवस
भारत को आजादी दिलाने के लिए देश के सपूतों ने कई बलिदान दिए। कई तरह की यातनाएं सही। उन्ही बलिदानों में से सबसे महान बलिदान शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का माना जाता है। ये बलिदान हम कभी नही भूल सकते हैं।
जिस आजाद भारत में आज हम सुकून की सांस ले रहे हैं, उसकी आजादी के लिए वे हंसते हुए और आजादी के गीत गाते हुए फांसी पर झूल गए थे।
23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसी दिन को हम शहीद दिवस के रूप में मनाते है।
आज इसी उपलक्ष्य में उत्तरांचल पी० जी० कॉलेज आफ़ बायो मेडिकल साइन्सेस एंड हॉस्पिटल में शहीद दिवस बड़ी ही सादगी के साथ मनाया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्रबंध-निर्देशक महोदय इंजीनियर जी० डी० एस० वार्ने० ,कार्यकारिणी निर्देशिका मिस तवलीन कौर,उप-निर्देशिका डा० रश्मि ढींगरा एवं प्रधानाचार्य द्वारा दीप प्रज्वलित कर और माल्यार्पण द्वारा किया गया जिसमें कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा भाषण, गीत, कविता व नाटक आदि की प्रस्तुति दी गयी और बड़ी ही सादगी और अनुसाशन के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया । कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के ऑडिटोरियम में शिक्षक- शिक्षिकाओं की उपस्थिति में सम्पन्न हुवा। कार्यक्रम में स्लोगन लेखन, पोस्टर प्रतियोगिता भी करवाई गयी|
दीपा चंद
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर
बी० एड० विभाग
—